त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं पर कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं – Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja at Trimbakeshwar Jyotirlinga Online
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शनि की साढ़े साती और ढैय्या से होने वाली समस्याएं :-
- आर्थिक दिक्कतें
- मनचाही नौकरी में परेशानियां
- व्यापार में उतार चढ़ाव
- पारवारिक कलह- कलेश
- विवाह में अड़चन आना
- स्वास्थ्य खराब रहना
- भवन निर्माण में रुकावट आना
- कार्य स्थल पर अपमान का सामना करना
शनि देव को सूर्य पुत्र एवं कर्म फल दाता के रूप में जाना जाता है। यह एक लंबे अंतराल के बाद एक राशि से दूर राशि में प्रवेश करता है। यह एक मात्र ग्रह है जिसकी अनुकम्पा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि इसके शुभ प्रभाव किसी पर पड़ जाएं तो उससे भाग्यशाली इस पूरे संसार में कोई नहीं रह जाता। वही दूसरी ओर यदि इसके दुष्प्रभाव किसी पर पड़ जाएं तो उसका सारा जीवन उथल -पुथल हो जाता है। उसके जीवन में परेशानिया बढ़ने लगती है। इन परेशानियों से मुक्ति प्राप्तकर शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए उनका तेल अभिषेक किया जाता है जिससे वह बहुत प्रसन्न होतें है तथा अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देतें है।
कोकिलावन शनिदेव मंदिर मथुरा शहर के नंदगाव स्थित है।मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में श्री कृष्ण के दर्शनों के लिए शनि महाराज ने कठोर तपस्या की थी। शनि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने कोयल के रुप में शनि महाराज को दर्शन दिया थे। जिसके कारण ही इस स्थान को आज कोकिला वन के नाम से जाना जाता है। कहते हैं जो यहां शनि महाराज की पूजा करते हैं उन्हें शनि की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में शनि नहीं सताते।वह भक्त जो यहाँ शनि देव का पूजन करते है उनपर शनि की दृष्टि का वक्र नहीं पड़ता बल्कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पूर्ण श्रद्धा से उनकी आरधना व तेल अभिषके करवाने से दूर हो जाती है यह दिक्कतें।
हमारी सेवाएं :-
हमारे पंडित जी द्वारा तेल अभिषेक से पहले आपको संकल्प करवाया जाएगा। अभिषेक संपन्न होने के बाद प्रसाद भी भिजवाया जाएगा।
प्रसाद:
- काला धागा : गले में पहनने हेतु
- शनि चालीसा
- शनि छल्ला : शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए